Best places to visit in Lucknow for couples - बेस्ट प्लेस तो विजिट इन लखनऊ फॉर कपल्स

Best places to visit in Lucknow for couples - बेस्ट प्लेस तो विजिट इन लखनऊ फॉर कपल्स

हैलो दोस्तो 
लखनऊ एक ऐसा शहर जो खुद मे महोब्बत के लिया जाना जाता है तो आज के इस ब्लॉग मे मै आपको लखनऊ के कुछ ऐसे प्लेस के बारे मे बताऊंगा जहा पर आप अपने पार्टनर के साथ जा सकते है और अपने दिन को याद गार बना सकते है। तो चलिए सुरू करते है।

Bara Imambara

लखनऊ में शीर्ष ऐतिहासिक स्थानों में गिना जाने वाला, बड़ा इमामबाड़ा एक ऐतिहासिक स्मारक है, जो 1784 का है। अवध के प्रसिद्ध नवाबों में से एक आसफ-उद-दौला द्वारा निर्मित है। इस में एक बड़ी मस्जिद (असफी मस्जिद) शामिल है। एक भूलभुलैया (भूल भुलैया) जो ऊपर मौजूद है, और बहते पानी के साथ एक बावड़ी (शाही बावली)। दो बड़े प्रवेश द्वार हैं जो आपको केंद्रीय हॉल तक ले जाएंगे, जिसे दुनिया का सबसे बड़ा गुंबददार कक्ष माना जाता है। 

Bhool-Bhulaiya-Lucknow

Timings: 7:00 am to 6:00 pm; every day 
Entry Fee For Indian: 50rs 
Entry Fee For Tourist: 300rs

बड़ा इमामबाड़ा से रिलेटेड कुछ महत्वपूर्ण बाते 

इसके अंदर कैमरे ले जाना माना है। अगर कोई व्यक्ति वीडियो बनाता पकड़ा जाता है तो उसका कैमरा जमा कर लिया जाएगा। इसके अंदर वाली इमारत मै कोई भी महिला अंदर जाए तो आपके सिर पर रुपट्टा होना जरूरी है। यह हमारे संस्कृति को दर्शाता है।
कहा जाता है। 

बड़ा इमामबाड़ा की कुछ पुरानी बाते जो कुछ ही लोग जानते है 

 जब लखनऊ में भूख की महामारी फैली तब मजदूरों के पास कोई काम नही था। तो लखनऊ के राजा आसफ-उद-दौला ने लोगो को काम देने के लिया इमामबाड़ा का निर्माण करवाया। कहा जाता मजदूरों को जायदा से जायदा काम देने के लिया इन्हों ने दिन मे बनवाने का और रात मे उसे तुड़ने का काम दिया। जिससे सभी मजदूरों को काम मिल सके।


रूमी दरवाजा

बड़ा इमामबाड़ा और छोटा इमामबाड़ा के बीच स्थित शानदार साठ फीट लंबा प्रवेश द्वार पुराने लखनऊ शहर के प्रवेश द्वार के रूप में काम करता था। तुर्की द्वार के रूप में भी जाना जाता है, यह तुर्की में प्रवेश द्वार बाब-ए-हुमायूँ के समान है। 60 फीट की प्रभावशाली ऊंचाई पर खड़ा, यह चूना पत्थर से लेपित ईंट से बना है। यह सुंदर नक्काशी और डिजाइनों से अलंकृत है। कहते है कि स्मारक की छतरी जैसी संरचना में एक लालटेन है जो रात में अपने आर्क से बहने वाले पानी के जेट के साथ जलाया जाता था। रूमी दरवाजा लखनऊ के प्रतीक के रूप में अपनाया गया है। 
Timings: 24/7
Entry Fee : Free

Clock Tower - घंटाघर

नजाकत और नफासत के शहर लखनऊ में देश का सबसे ऊंचा घंटाघर मौजूद है। जी हां जिसकी ऊंचाई 221 फीट है। इस घंटाघर को 1881 में नवाब नसीर उद्दीन हैदर ने सर जॉर्ज कूपर के स्वागत में बनवाया गया था। जो कि संयुक्त राज्यों के पहले लेफ्टिनेंट गवर्नर थे। इस घंटाघर को 1.75 लाख रुपए की लागत से बनवाया गया था। एक वक्त था जब घंटाघर के समय पर पूरा शहर चलता था और घंटाघर आज भी लोगों को सटीक समय की जानकारी देता है। यह बिल्कुल बड़ा इमामबाड़ा और छोटा इमामबाड़ा के बीच स्थित है। 

एक बात और अगर आप sunday या Saturday को शाम के 6 बजे तक जाते है तो आपको इसके बीच मै बना 3d म्यूजिकल फव्वारा देखने को मिल सकता है।

Timings: 24/7
Entry Fee : Free

छोटा इमामबाड़ा

छोटा इमामबाड़ा या हुसैनाबाद इमामबाड़े का निर्माण 'मोहम्मद अली शाह' ने करवाया था। इसके अंदर बहुत ही सुंदर चीजे है। इसके बीचों बीच एक फव्वार बना है जो इसके सुंदरता को और भी ज्यादा बढ़ता है।  छोटा इमामबाड़ा या हुसैनाबाद इमामबाड़ा का निर्माण 1837 ई. में करवाया गया था। यह छोटा इमामबाड़ा के नाम से अधिक प्रसिद्ध है। ऐसा माना जाता है कि मोहम्मद अली शाह को यहीं पर दफनाया गया था। 

Timings: 7:00 am to 6:00 pm; every day 
Entry Fee For Indian: 10rs 
Entry Fee For Tourist: 150rs

Residency lucknow

1780 और 1800 के बीच निर्मित लखनऊ में ब्रिटिश रेजीडेंसी के खंडहरों ने 1857 के भारतीय विद्रोह में एक बड़ी भूमिका निभाई थी क्योंकि इसे लखनऊ की घेराबंदी के दौरान अंग्रेजों ने घेर लिया था। इस परिसर में एक आर्केड में स्थापित कई इमारतें हैं, और अब यह एक लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण है। यहां पर प्रतिदिन सकड़ो लोग आते है। इस इमारत में आपको कई सारी ऐसी दीवाले दिखेंगी जिसमे लड़ाई के टाइम पर दागे गए गोलों के निशान होंगे।

Timings: 7:00 am to 6:00 pm; every day 
Entry Fee: 15rs 


FAQ about Residence lucknow 

क्या रेजीडेंसी के अंदर कैमरा ले जा सकते हैं ?

आप रेजिडेंसी के अंदर कैमरा नहीं ले जा सकते हैं। अगर आप वीडियो बनाते पकड़े जाएंगे तो आपको काफी जुर्माना भरना पड़ेगा तो आपस मैं यही कहना चाहता हूं कि आप कैमरा लेकर मत जाएं आपका कैमरा जमा हो सकता है।

लखनऊ चिड़ियाघर 

लखनऊ के प्रमुख आकर्षणों में से एक लखनऊ चिड़ियाघर है। 1921 में प्रिंस ऑफ वेल्स के आगमन का जश्न मनाने के लिए निर्मित, चिड़ियाघर कई जानवरों, पक्षियों और सरीसृपों का घर है। यह व्हाइट टाइगर, इंडियन वुल्फ, हॉग डियर जैसी लुप्तप्राय प्रजातियों के प्रजनन के लिए जाना जाता है। यहां रॉयल बंगाल टाइगर्स, हिमालयन ब्लैक बियर, हूलॉक गिबन्स, भारतीय गैंडे, ग्रेट पाइड हॉर्नबिल और जानवरों और पक्षियों की अन्य विदेशी प्रजातियों को देख सकते हैं। चिडिय़ाघर में टॉय ट्रेन में बच्चे खूब मस्ती कर सकते हैं।

Timings: 7:00 am to 6:00 pm; every day 
Entry Fee: 15rs 

निष्कर्ष


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