इंसान की कीमत by school teacher, real story of my college.

हेलो दोस्तो आपका फिर से welcome है। एक नई स्टोरी मैं । 
अगर आपके पास टाइम हो तभी पढ़े छोटी से या कहनी आपको बहुत कुछ सीखा सकती है। 

यह कहानी मेरे स्कूल के है। तो चलिए शुरू करते है। 
तो दोस्तो मेरा नाम Sultanajme है। मैं लखनऊ मे रहता हूं। मेरे स्कूल का नेम DNS है । यह कहानी उस समय की जब मैं क्लास 5 मे था। मेरे स्कूल के सर बहुत ही अच्छी अच्छी बाते बताते थे। एक दिन मैं स्कूल के लिया तैयार हो रहा था। मैं  टिफिन ले के बैग मे रहा और बैग टांग कर स्कूल के लिया निकल गया।  प्रार्थना होई सब लोग अपनी अपनी क्लास में चले गए। मेरे sir की क्लास 3 पेरिड मे स्टार्ट होती थी। दो क्लास तो आइसे ही चले गए। Sir के क्लास लगी sir क्लास में आए। उस दिन sir ने सबसे बोला बच्चो आज मैं तुम लोगो को कुछ नया सिखाता हो। Sir ने पूछ कोन कोन सीखना चाहता है। हम सभी ने हाथ उठाए, sir ने अपने जेब से एक 100 की नोट निकली और सब से पूछा " या नोट किसको किसको चाहिए सभी ने हाथ उठाए तो मैंने भी हाथ उठा दिया ( भाई 100 रुपए है हर किसे को चाहिए 😊😊 ) । उसके बाद सिर ने उस नोट को हाथो से उसके दबा दबा के मोड़ दिया नोट खराब हो गई थे। फिर sir ने पूछा "अब किसको चाहिए " फिर सबने हाथ उठा दिया क्योंकि नोट तो अभी भी चल जाती। फिर सिर ने उस नोट को जमीन पर गिर दिया और उसे बहुत गन्दा कर दिया। उसके बाद फिर सिर ने उसे अपने हाथों में लिया और फिर पूछा किसको किसको चाहिए। फिर सबने हाथ उठा दिया। 


Sir ने कहा कि बच्चों आज मैंने तुमको एक बहुत बड़ी चीज सिखाई है। ये 100 रुपये का नोट था, जब मैंने इसे हाथ से कुचला तो ये नोट कुचल गया लेकिन इसकी कीमत 100 रुपये ही रही, इसके बाद जब मैंने इसे ज़मीन पर गन्दा किया तो ये नोट गन्दा हो गया लेकिन फिर भी इसकी कीमत 100 रुपये ही रही।

 ठीक वैसे ही इंसान की जो कीमत है और इंसान की जो काबिलियत है वो हमेशा वही रहती है। आपके ऊपर चाहे कितनी भी मुश्किलें आ जाएँ, चाहें जितनी मुसीबतों की धूल आपके ऊपर गिरे लेकिन आपको अपनी कीमत नहीं गंवानी है। आप कल भी बेहतर थे और आज भी बेहतर हैं

अगर आपको यह कहानी अच्छी लगी को तो कॉमेंट करे जिसे मैं अपनी और कहानियों को आपसे शेयर कर सको। 
Thank you for reading 🥰🥰


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