एक मजदूर रिक्से वाले पर क्या बीती जब एक पढ़े लिखे इंसान ने उसके साथ ऐसा किया। जाने क्या हुआ पूरी कहानी

हैलो दोस्तों 
हमारे देश को आजाद हुए पूरे 75वर्ष हो गए हैं। कितने लोगो ने देश की आजादी के लिया अपनी जान लूटा दी। लेकिन अब ऐसा लगता है कि उन लोगो ने अपनी जिन्दगी फालतू ही गवा दिया क्योंकि जब तक इस देश के लोगो हो एक दूसरे के लिया भेद भाव रखते है तो की फायदा हुआ आजादी का।  मैं ऐसा क्यू बोला रहा हो इसके पीछे कुछ बाते है जो आज मे आपको लोगो को बताऊंगा। 



26 जनवरी गड़तंत्र का दिन दिवस था। मैं उसे दिन लखनऊ के बापू भवन से मैं झंडा रोहड़ देख के घर के लिया जा रहा था। मैं एक रेल क्रॉसिंग के पास पहुंचा वहां फाटक बंद था। मैं वही रुक गया मेरे बगल मे एक रिक्शा वाला जो अपनी ठाली मे लदे समान को अपने मालिक के पास ले जा रहा था। उसे समय एक रेल गाड़ी निकली। उसके बाद दूसरी रेल गाड़ी का इंतज़ार हो रहा था। तभी पीछे से एक आदमी गाड़ी ले के आया और मुझसे बोला आगे चलो मेरे आगे जगह नही थी फिर भी मैं आगे बढ़ गया। तभी रिक्से वाले ने उस आदमी से बोलो भाई आराम से अभी फाटक बंद है।  पता नही उसकी इतने से बात को सुन के आदमी को ऐसा लगा जैसे उसको इंसल्ट हो गई हो । लेकिन मुझे उसके बात सही लगी जब आप को दिखाई दे रहा है फाटक अभी बंद है फिर भी वो अपनी गाड़ी लेके आगे बढ़ने लगे । उस आदमी ने रिक्शा वाले से पूछा कहा जा रहे हो। रिक्शा वाला बोला भईया आगे बस थोड़ी दूर ही जा रहे है। फिर आदमी ने पूछा रहते कहा हो। रिक्से वाले ने बोला लालबाग मे रहते हूं। मुझे लगा ऐसे ही पूछा रहा है । फिर उसे आदमी ने बोला " पिया हो क्या, आज के दिन कहां मिल गई" । जब की मुझे नही लग रहा था की उसने पिया है। लेकिन वो आदमी रिक्से वाले को नीचा देखना चाहता क्यूं की वहा पर और भी लोग थे। फिर आगे एक पुलिस स्टेशन था। आदमी उसे बोला आगे चलो अभी तो लाइन पर लेट है। मुझे बहुत बुरा लगा। मैं वही खड़ा रहा। मेरे मूड बहुत गरम हो गया था। उसकी बातो को सुन कर मैंने भी कहा देखते है क्या करते है। फाटक खुला सब लोग जाने लगे। मैंने देखा वो आगे चला। बस वो मुंह की कर रहा था। मुझे तो यही सोच के बुरा लग रहा की उस गरीब इंसान पर क्या बीत रही होगी 

सच मै अमीर लोग दूसरे लोगो को नीचा देखने के लिया उसको गलता साबित करने लगते है। 

26 January Full video of 











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